दुनिया के सबसे कम उम्र के अरबपति होने का खिताब जिस नौजवान को मिला है
उसने हावर्ड में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। वाशिंगटन में 22 मई 1984 में पैदा हुए डस्टिन मोस्कोविज़ फेसबुक की स्थापना करने वालों में से एक हैं।
फेसबुक के दूसरे संस्थापक मार्क जकरबर्ग से वह सिर्फ आठ दिन छोटे हैं।मोस्कोविज़ अब फेसबुक छोड़ चुके हैं लेकिन उनके पास अभी भी इस सोशल नेटवर्किंग साइट के 6 प्रतिशत शेयर हैं और फोर्ब्स के मुताबिक उनके पास 2.7 अरब डॉलर की दौलत है। उन्होंने उसके बाद एक और साइट असाना शुरू की है। मोस्कोविज़ ने अपने तीन साथियों ज़करबर्ग, एडुआर्डो सेवरिन और क्रिस ह्यूज के साथ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक कमरे में फरवरी 2004 में फेसबुक नाम के एक साइट शुरू की। यह साइट दरअसल हार्वर्ड के छात्रों के लिए बनाई गई थी और यह महज एक ऑनलाइन डायरेक्टरी थी ताकि वे दूसरे छात्रों के रेसीडेंस के बारे में जान सकें। मोस्कोविज़ इसके चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर बने थे। इस साइट के वहां पॉपुलर हो जाने के बाद वह हार्वर्ड छोड़कर कैलिफोर्निया के पॉलो ऑल्टो चले गए जहां से फेसबुक का बड़े पैमाने पर विस्तार किया गया। काम बढ़ने की वज़ह से आठ लोगों को वहां नौकरी दी गई।
मोस्कोविज़ कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट (इंजीनियरिंग) बन गए और उन्होंने इस साइट को फिर से बनाने का काम शुरू किया। इसके अलावा भी वह फेसबुक के मोबाइल ऑपरेशन तथा विकास का काम देखने लगे। 2008 में उन्होंने फेसबुक छोड़ दिया और अपने साइट के लिए काम करने लगे। सितंबर 2010 में फोर्ब्स ने मोस्कोविज़ के बारे में लिखा कि उनकी दौलत अब बढ़कर 1.4 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई यानी वह अरबपतियों की सूची में शुमार हो गए।मोस्कोविज़ ने नवंबर 2009 में 90 लाख डॉलर की फंडिंग से अपनी नई कंपनी को मजबूत बनाया और इसी साल 7 फरवरी को उन्होंने असाना नाम की एक साइट शुरू की। इसके बारे में कहा गया कि वह लोगों को उनके प्रोजेक्ट वगैरह में मदद करेगा। यह कंपनी अभी विकास के दौर में है।
उसने हावर्ड में अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। वाशिंगटन में 22 मई 1984 में पैदा हुए डस्टिन मोस्कोविज़ फेसबुक की स्थापना करने वालों में से एक हैं।
फेसबुक के दूसरे संस्थापक मार्क जकरबर्ग से वह सिर्फ आठ दिन छोटे हैं।मोस्कोविज़ अब फेसबुक छोड़ चुके हैं लेकिन उनके पास अभी भी इस सोशल नेटवर्किंग साइट के 6 प्रतिशत शेयर हैं और फोर्ब्स के मुताबिक उनके पास 2.7 अरब डॉलर की दौलत है। उन्होंने उसके बाद एक और साइट असाना शुरू की है। मोस्कोविज़ ने अपने तीन साथियों ज़करबर्ग, एडुआर्डो सेवरिन और क्रिस ह्यूज के साथ हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक कमरे में फरवरी 2004 में फेसबुक नाम के एक साइट शुरू की। यह साइट दरअसल हार्वर्ड के छात्रों के लिए बनाई गई थी और यह महज एक ऑनलाइन डायरेक्टरी थी ताकि वे दूसरे छात्रों के रेसीडेंस के बारे में जान सकें। मोस्कोविज़ इसके चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर बने थे। इस साइट के वहां पॉपुलर हो जाने के बाद वह हार्वर्ड छोड़कर कैलिफोर्निया के पॉलो ऑल्टो चले गए जहां से फेसबुक का बड़े पैमाने पर विस्तार किया गया। काम बढ़ने की वज़ह से आठ लोगों को वहां नौकरी दी गई।
मोस्कोविज़ कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट (इंजीनियरिंग) बन गए और उन्होंने इस साइट को फिर से बनाने का काम शुरू किया। इसके अलावा भी वह फेसबुक के मोबाइल ऑपरेशन तथा विकास का काम देखने लगे। 2008 में उन्होंने फेसबुक छोड़ दिया और अपने साइट के लिए काम करने लगे। सितंबर 2010 में फोर्ब्स ने मोस्कोविज़ के बारे में लिखा कि उनकी दौलत अब बढ़कर 1.4 अरब डॉलर से ज्यादा हो गई यानी वह अरबपतियों की सूची में शुमार हो गए।मोस्कोविज़ ने नवंबर 2009 में 90 लाख डॉलर की फंडिंग से अपनी नई कंपनी को मजबूत बनाया और इसी साल 7 फरवरी को उन्होंने असाना नाम की एक साइट शुरू की। इसके बारे में कहा गया कि वह लोगों को उनके प्रोजेक्ट वगैरह में मदद करेगा। यह कंपनी अभी विकास के दौर में है।
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